वो लड़की भोली भाली सी/Wo Ladki Bholi Bhali Si

  

  • ₹250.00
  • by Ashfaq Ahmad  (Author)
  • Book: Wo Ladki Bholi Bhali Si
  • Paperback: 250 pages
  • Publisher: Gradias Publishing House
  • Language: Hindi
  • ISBN-13: ‎ 978-8195983711
  • Product Dimensions: 21.59 x 13.97 x 2 cm

"वो लड़की भोली भाली सीनाम सुन कर रोमांटिक कहानी लगती हैलेकिन ऐसा है नहीं... यह कहानी यूं तो थ्रिलरोमांच और सस्पेंस से भरी हैलेकिन चूंकि पूरी कहानी एक ऐसी लड़की पर है जिसकी जिंदगी कहानी के दौरान एक सौ अस्सी डिग्री चेंज होती हैतो बस उसी बदलाव को इंगित करते हुए शीर्षक दिया गया है— वो लड़की भोली भाली सी। शुरुआत तो उसके भोलेपन और उसके शोषण से ही होती है लेकिन फिर मज़बूत होने के साथ वह बदलती चली जाती है।

अब कहानी चूंकि थोड़ी कांपलीकेटेड है तो शुरु करने से पहले सभी पाठकों के लिये कुछ बातों पर गौर करना जरूरी हैजिससे आपको सभी सिरों को समझने में मदद मिलेगी।

सबसे पहली और मुख्य चीज़ यह है कि यह कहानी वेब सीरीज के परपज से लिखी गई हैतो इसके दृश्यों की सिक्वेंस भी उसी तरह से रखी गई है... हालांकि लिखने में नॉवल का फार्मेट ही इस्तेमाल किया गया है न कि स्क्रीनप्ले कालेकिन फिर भी आपके लिये यह जानना ज़रूरी है कि कहानी कहने का तरीका क्या हैइसी से आप अलग-अलग टाईमलाईन में चलते दृश्यों को ठीक से समझ पायेंगे।

मूलतः कहानी तीन अलग-अलग टाईमलाईन में चलती है जिसमें दो हिस्से एकदम अनकनेक्टेड लग सकते हैं लेकिन ऐसा है नहीं और कहानी के अलग-अलग सभी सिरे कहीं न कहीं एक दूसरे से जुड़े हुए ही हैं। हर टाईमलाईन के साथ तारीख मेंशन की गई हैजिस पर पढ़ते वक़्त आपको खास ध्यान रखना हैअन्यथा आप बुरी तरह कनफ्यूज्ड हो जायेंगे।

अगर कहानी के मुख्य पात्रों की बात की जाये तो कहानी के केंद्र में एक फीमेल पात्र हैजिसके कई रूप हैं और कई नाम हैंएक से ज्यादा शेड है। विकास अहलावत नाम का एक पुलिस इंस्पेक्टर हैजिसकी अपनी जिंदगी बीवी और उसके आशिक के बीच बुरी तरह उलझी हुई हैलेकिन प्रोफेशनली उसे एक ऐसे मर्डर केस को सॉल्व करना है— जिसमें बंद घर में मकतूल के आसपास मौजूद पाये गये लोगों में कोई भी अपराधी नहीं साबित होता और न उनसे हत्यारे तक पहुंचने में कोई मदद ही मिलती है।

एक क्राईम वर्ल्ड से रिलेटेड शख़्स संदीप चौरसिया है जिसके अतीत में बड़े पेंच हैं। आतिफअनिर्बानसुनील और  माधुरी नाम के किरायेदार हैंऔर सलीमदयाल और माया नाम के मेहमान— जिनकी मौजूदगी मगर बेखबरी में मकान मालकिन की हत्या हुई। एक तरफ़ कहानी वर्तमान से अतीत की तरफ़ जाती हैतो दूसरी तरफ़ अतीत से वर्तमान की तरफ़ आती है और इन दोनों ही टाईमलाईन में आगे-पीछे होते हुए ऐसे ही ढेरों कैरेक्टर्स अवतरित होते रहते हैं।

चूंकि कहानी वेब सीरीज के परपज से शुद्ध मनोरंजन के लिये लिखी गई है तो इसके किरदार रियलिस्टिक वर्ल्ड से जैसे के तैसे लिये गये हैंउनसे बहुत ज्यादा नैतिकता की अपेक्षा न रखियेगावे देवता तुल्य नायक या देवी तुल्य नायिका की बाउंड्री से बाहर हैं और ज्यादातर किरदार ग्रे शेड के हैं। दूसरेकहानी में कोई मैसेज नहीं है कि उसके नाम पर इसे जस्टीफाई किया जाये। बस मनोरंजन परोसने के नजरिये से लिखी गई कहानी है— तो इसे इसी उद्देश्य तक सीमित समझिये।

कहानी दो लाख से ऊपर वर्ड्स की हैइसे एक भाग में समेटना ठीक नहीं थातो इसके दो पार्ट्स कर दिये हैं और कहानी का दूसरा पार्ट 'वो लड़की सयानी सीभी इसी कहानी के साथ पब्लिश की गई हैताकि पाठक को इंतज़ार न करना पड़े और वह एक साथ पूरी कहानी का आनंद ले सके।

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