लिलिथियंस/Lilithiyans

  

  • 200.00
  • by Ashfaq Ahmad  (Author)
  • Book: Lilithiyans
  • Paperback: 208 pages
  • Publisher: Gradias Publishing House
  • Language: Hindi
  • ISBN-13: ‎ 978-8195983766
  • Product Dimensions: 21.59 x 13.97 x 2 cm

कुछ अजीब सा नाम है नसमझना भी मुश्किल है कि इसका क्या मतलब हो सकता है और उस मतलब का इस कहानी से क्या ताल्लुक हो सकता है। चलियेकहानी शुरु करने से पहले इस नाम को और इसके संदर्भ को समझ लेते हैंताकि आगे कहानी समझने में आसानी हो। इसके लिये हमें अब्राहमिक धर्मों के मूल कांसेप्ट में जा कर एक किरदार को जानना होगाजिसका नाम लिलिथ है।

हममें से अधिकांश लोग शायद लिलिथ नाम के उस कैरेक्टर से परिचित न होंजो मूल बाईबिल के हिसाब से आदम के साथ बनाई गई संसार की पहली नारी थीलेकिन जो मर्द के नीचे नहींबल्कि ऊपर रहना चाहती थी और बजाय मर्द के अपना डॉमिनेंस चाहती थी। उसे एडम के डॉमिनेंस में रहना मंजूर नहीं थाऔर वह एडम को स्वर्ग में छोड़ पृथ्वी पर भाग आती है— जिसके बाद यहुवा एडम की पसली से ही ईव का सृजन करता है ताकि प्रतीकात्मक रूप से यह स्थापित हो सके कि नारीनर से बनी है और नर के लिये बनी हैजिससे आगे चल कर मर्द की सत्ता को स्वीकारने में उसे कोई बाधा न आये। सारा संसार इस ईव को बाईबिल के हिसाब से ही पहली औरत मानता है।

लेकिन जैसा कि रिवाज़ है कि इस संसार में जहां हर तरह के लोग हैं— तो उस लिलिथ में विश्वास रखने वाले भी लोग हैंफिर भले लिलिथ को ऐविल पॉवर या शैतान की संज्ञा क्यों न दी गई हो। जब दुनिया में सीधे शैतान को पूजने वाले समुदाय हो सकते हैं तो लिलिथ के वे उपासक भी हो सकते हैंजो मानते हैं कि एक दिन लिलिथ अंधेरों से निकल कर आयेगी और सारे संसार पर हुकूमत करेगी। ऐसी ही मान्यता में विश्वास रखने वालेऔर उसे देवी की तरह पूजने वाले एक कल्ट का नाम है "लिलिथियंस", जो इस कहानी के केंद्र में है। इस कल्ट के लोग एक मिशन पर हैं और पूरी कहानी उसी मिशन से जुड़े संघर्ष को उकेरती है।

इन लिलिथियंस की कमान संसार के कुछ ऐसे ताक़तवर लोगों के हाथ में हैजिन्हें सामान्यतः इलुमिनाती से जोड़ा जाता है और वे दुनिया के लगभग हर बड़े फैसले में शामिल रहते हैं। उनकी इस दुनिया और इस सृष्टि को लेकर अपनी ही एक अलग थ्योरी हैजिसके अकार्डिंग वे एक ऐसे समझौते से बंधे हैंजिसके चलते उन्हें पूरी दुनिया के माहौल में किसी न किसी तरह उथल-पुथल मचाये रखनी हैजिससे उस हायर बीईंग को एनर्जी मिलती हैजो फीड करती है लोगों के लालचडरनफरतक्रोधखून-खराबे और मौतों से— और बदले में इस वर्ग को नवाज़ती है बेशुमार पैसे और ताक़त से। इस थ्योरी के हिसाब से हमारी औकात एक बैक्टीरिया भर की है और हम उस हायर बीईंग के शरीर में वैसे ही वास करते हैंजैसे हमारे ख़ुद के शरीर में बैक्टीरिया और वायरस अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं।

उस हायर बीईंग के साथ हुए उस समझौते के अनुसार उन्हें हर कुछ सालों में ऐसा कुछ करना हैजिसके चलते पूरी दुनिया प्रभावित होबड़े पैमाने पर केआस फैलेखास कर योरप के उन इलाकों मेंजहां लोगों को अमूमन किसी तरह के संघर्ष से नहीं जूझना पड़ता हैबल्कि हैप्पीनेस इंडेक्स में जो अग्रणी रहते हैं और उस हायर बीईंग के हिसाब से वे उसके लिये सबसे ज्यादा यूज़लेस देश और लोग हैं। युद्ध या कोई बड़ा संक्रमणकुछ भी उन्हें इस इलाके में चाहिये ही चाहिये और यह सब एक के बाद एक होता है और इसी कोशिश में एक संक्रमण कोरोना की तरह ही बेलगाम हो कर पूरे योरप को निगलना शुरु कर देता है— अब सवाल यह भी है कि पूरी तरह फैल कर भी यह बस योरप तक ही सीमित रहेगा या कोरोना की तरह ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा?

इस कहानी के केंद्र में सिर्फ लिलिथियंस ही नहीं हैंबल्कि भारत के एक अमीर घराने में जन्मे दो भारतीय युवक आरव और अहान भी हैंजो अनजाने में ही इस जानलेवा चक्कर में उलझते चले जाते हैं। वे दोनों भाई थे और जहां आरव पढ़ाई-लिखाईखेल-कूद और पर्सनैलिटी के हिसाब से एक स्टार किड थावहीं आरव एक कलात्मक रूचि वाला एवरेज शख़्सजो अपने भाई की स्टार पर्सनैलिटी के हिसाब के नीचे दब के कहीं खो कर रह गया था और इस चीज़ ने उसमें एक हीनता पैदा कर दी थीजिसकी वजह से उसके व्यक्तित्व में आई नकारात्मकता ने उसे घर वालों से और दूर कर दिया था।

आरव के लिये तो सबकुछ मयस्सर थाएक बढ़िया नौकरी के सिलसिले में वह स्वीडन जाता है और स्वीडन से ही उसकी ज़िंदगी में उथल-पुथल शुरु हो जाती हैजो उसे फिनलैंड ले जाती हैजहां आखिरकार वह ग़ायब हो जाता है और जब अरसे तक उसकी कोई ख़बर नहीं मिलती और उसकी वजह से माँ-बाप हलकान हो जाते हैंतब न चाहते हुए भी अहान अपने भाई को वापस लाने की ज़िम्मेदारी अपने सर लेता है और निकल पड़ता है अपने उस भाई की खोज मेंजिसने स्वीडन से फिनलैंड तक अपने पीछे ढेरों निशान छोड़े थे— जिन्हें ट्रेस करते अहान को धीरे-धीरेटुकड़ों में पता चलता है कि उसके भाई के साथ क्या हुआ था और वह कहाँ-कहाँ से गुज़रा था।

इस खोज में जो उसके साथ होते हैंवह उन्हें नहीं जानतालेकिन उनकी मदद उसे बराबर मिलती रहती है— हालांकि वह यह ठीक से समझ भी नहीं पाता कि वे दोस्तों में थे या दुश्मनों में… और धीरे-धीरे चलते उसकी खोज के इस सफ़र का जहां अंत होता है— वहां से एक नये काल की शुरुआत हो रही थीजो आगे पूरी दुनिया को हदसाने वाला था। अब सवाल यह है कि आरव के साथ आखिर क्या हुआ थाऔर वह कहां खो गया थाअहान उसकी तलाश में निकला तो थालेकिन क्या वह उसके जीतेजी उससे मिल भी पाता हैक्या अंत होता है उसकी खोज का और कैसी शुरुआत थी उस अंत से जुड़ी जो आगे पूरी दुनिया के लिये आफत बनने वाली थी?


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